“ईशान कोण देवताओं का स्थान है। यहां दोष होने का मतलब है नकारात्मकता को आमंत्रण देना।”
❌ अगर इस दिशा में दोष हो तो क्या समस्याएं हो सकती हैं?
- लगातार मानसिक तनाव
- आर्थिक तंगी या धन की हानि
- बच्चों की पढ़ाई में बाधा
- करियर में रुकावट
- घर में क्लेश, झगड़े या बीमारियाँ
- वास्तु शांति न होने के कारण जीवन में अस्थिरता
⚠️ उत्तर-पूर्व दोष की पहचान कैसे करें?
- इस दिशा में टॉयलेट, स्टोररूम, रसोई या सीढ़ियाँ बनी हों
- गंदगी, भारी सामान, कबाड़ या कचरा जमा हो
- यह कोना अंधेरा, बंद या नम हो
- यहां कोई जल स्रोत (फव्वारा, पानी का बर्तन) न हो
✅ उत्तर-पूर्व दोष के सरल और असरदार उपाय:
🧼 1. स्वच्छता और हलकापन
ईशान कोण हमेशा स्वच्छ, हल्का और खुला रखें। गंदगी या भारी चीजें यहाँ न रखें।
💧 2. जल तत्व को सक्रिय करें
यह जल की दिशा है। यहाँ आप रखें:
- क्रिस्टल बाउल में पानी
- छोटा फव्वारा या कांच का ग्लोब
- तांबे के बर्तन में जल
🕉 4. मंत्र और ध्यान
हर सुबह इस दिशा में दीपक जलाकर “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ वास्तोष्पते नमः” मंत्र का जप करें।
🧱 5. वास्तु पिरामिड या ब्रह्मस्थान उपचार
ईशान कोण में त्रिकोण पिरामिड, वास्तु यंत्र या पंचधातु ऊर्जा साधन रखें।
🔚 निष्कर्ष:
ईशान कोण को ठीक करना यानी जीवन में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि को आमंत्रित करना। छोटे-छोटे उपाय आपके घर की ऊर्जा को सकारात्मक बना सकते हैं।
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